The colour Pink is synonymous to females- mostly because of the general misconception that girls are to pink what boys are to blue- but aren’t there girls who love blue while boys who love pink? Why are there such gender bias when it comes to colors?
Pink- Sirf Ek Rang Nahin. . . is a poem dedicated to all women, who are in search of their identity, yet find themselves being chained by various societal norms and rules.
The poem, Pink: Sirf Ek Rang Nahin has actor, Amitabh Bachchan as it’s brand ambassador.
#StarGoldTurnsPink in honor of women and their strengths.
Read the poem here:
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है
इस पल की गरिमा पर जिनका
थोड़ा भी अधिकार नहीं है
इस क्षण की गोलाई देखो
आसमान पर लुढ़क रही है
नारंगी तरुणाई देखो
दूर क्षितिज पर बिखर रही है
पक्ष ढूंढते हैं वे जिनको
जीवन ये स्वीकार नहीं हैं
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है।
नाप नाप के पीने वालों
जीवन का अपमान न करना
पल पल लेखा जोखा वालों
गणित पे यूँ अभिमान न करना
नपे तुले वे ही हैं जिनकी
बाहों में संसार नहीं है
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है
ज़िंदा डूबे डूबे रहते
मृत शरीर तैरा करते हैं
उथले उथले छप छप करते
गोताखोर सुखी रहते हैं
स्वप्न वही जो नींद उडा दे
वरना उसमे धार नहीं है
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है
कहाँ पहुँचने की जल्दी है
नृत्य भरो इस खालीपन में
किसे दिखाना तुम ही हो बस
गीत रचो इस घायल मन में
पी लो बरस रहा है अमृत
ये सावन लाचार नहीं है
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है
कहीं तुम्हारी चिंताओं की
गठरी पूँजी ना बन जाए
कहीं तुम्हारे माथे का बल
शकल का हिस्सा न बन जाए
जिस मन में उत्सव होता है
वहाँ कभी भी हार नहीं है
लक्ष्य ढूंढ़ते हैं वे जिनको
वर्तमान से प्यार नहीं है
Poem translated by ~ Prasoon Joshi.
Source: Amitabh Bachchan (facebook)
-By Archa Dave